डिजिटलीकरण और सुगमता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के डायमंड जुबली समारोह का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम 28 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय के सभागार में हुआ, जो न्यायालय के 75वें वर्ष का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई नागरिक-केंद्रित तकनीकी पहलों का शुभारंभ किया। इनमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 एप्लीकेशन और सुप्रीम कोर्ट की संशोधित वेबसाइट शामिल हैं।
डिजिटल एससीआर पहल न्याय तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो 1950 से लेकर अब तक के सभी सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को डिजिटल, उपयोगकर्ता के अनुकूल प्रारूप में निःशुल्क उपलब्ध कराता है। इस संग्रह में 519 खंडों में 36,308 से अधिक मामले शामिल हैं।
न्यायिक दक्षता को और बेहतर बनाने के लिए, डिजिटल कोर्ट्स 2.0 एप्लीकेशन, जो ई-कोर्ट्स परियोजना का विस्तार है, का उद्देश्य जिला न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए न्यायालय के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना है। इसमें वास्तविक समय में भाषण से पाठ में प्रतिलेखन के लिए उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता शामिल है।
अंत में, प्रधानमंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय की नई द्विभाषी वेबसाइट का अनावरण किया, जिसमें अंग्रेजी और हिंदी दोनों में एक इंटरफ़ेस है, जिसे बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये पहल भारत में अधिक पारदर्शी और सुलभ न्यायपालिका प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।