भारत ने किफायती ई-गवर्नेंस समाधानों में अपनी वैश्विक नेतृत्व क्षमता साबित की है, फिर भी नागरिकों को अक्सर ऐसे इंटरफेस से जूझना पड़ता है जो सार्थक और मार्गदर्शित संवाद प्रदान नहीं कर पाते। जिज्ञासा इस परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाती है - यह एक सहज, एआई-संचालित, बहुभाषी संवाद परत है जिसे मौजूदा ई-गवर्नेंस प्रणालियों में आसानी से जोड़ा जा सकता है। यह जटिल प्रणालियों को सहज, मानव-केंद्रित अनुभवों में बदल देती है, जहाँ उपयोगकर्ता केवल पूछते हैं और सीधे संबंधित अनुभागों तक पहुँच जाते हैं। जिज्ञासा के साथ, डिजिटल शासन न केवल सुलभ बनता है, बल्कि अत्यंत सहज, समावेशी और सशक्त भी हो जाता है।
डिजिटल क्रांति अब भारत के हर कोने को छू रही है। लाखों सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन हैं, जो पारदर्शिता, समावेशन और व्यापक पहुँच प्रदान कर रही हैं। फिर भी, नागरिकों को अभी भी बिखरे हुए पोर्टल, जटिल यूआई/यूएक्स (उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस/अनुभव) और ऐसी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है जो सरल नागरिक कार्यों को लंबी और अक्सर निराशाजनक यात्रा में बदल देती हैं।
'जिज्ञासा' कुछ हद तक इस कठिनाई को हल करती है। डिजिटल इंडिया के लिए एआई-सशक्त सहायिका के रूप में, यह एक ऐसा प्लग-इन संवादात्मक परत है जो किसी भी सरकारी वेबसाइट या ऐप के साथ एकीकृत हो जाता है। उपयोगकर्ता सामान्य भाषा में बोलते हैं; जिज्ञासा उनके इरादे को समझती है, जवाब ढूंढती है या उन्हें सीधे सही फॉर्म या पेज तक पहुँचाती है, और भाषिनी जैसी सेवाओं के ज़रिए तुरंत अनुवाद भी कर सकती है, जिससे पूरी बातचीत एक शांत, निर्देशित संवाद में बदल जाती है।
विशेषताएँ और क्षमताएँ
- आसान एकीकरण: एपीआई कॉल के माध्यम से मौजूदा सरकारी वेबसाइटों में आसानी से जुड़ जाता है।
- अनुकूलनीय एआई मॉडल: इसे विभिन्न उपयोगों के लिए अलग-अलग एआई मॉडल का उपयोग करने के लिए ढाला जा सकता है
- बहुभाषी समर्थन: यह कई भाषाओं को सपोर्ट करता है और इसमें भाषिनी जैसी अनुवाद सेवाओं को जोड़ने का विकल्प भी है।
- फीडबैक-आधारित प्रशिक्षण: वास्तविक उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया के माध्यम से लगातार बेहतर होता रहता है।
- सीपीयू और जीपीयू वेरिएंट: यह सीपीयू और जीपीयू दोनोों तरह के इंफ्रास्टट्रक्चर के लिए उपलब्ध है।
- अनुकूलनीय चैटबॉट यूआई और थीम: इसका डायनामिक चैटबॉट इंटरफ़ेस किसी भी एप्लिकेशन या वेबसाइट के विशिष्ट स्वरूप और अनुभव से मेल खाने के लिए अनुकूलनीय है।
टेक्नोलॉजी और आर्किटेक्चर का प्रवाह
'जिज्ञासा' के मूल में ध्यान से डिज़ाइन किया गया एक इंटेलिजेंस पाइपलाइन है, जिसे पाँच शक्तिशाली स्तंभों के माध्यम से समझा जा सकता है जो सामान्य प्रश्नों को अर्थपूर्ण, निर्देशित अनुभवों में बदल देते हैं।
विशेष सिमेंटिक खोज
पारंपरिक कीवर्ड-आधारित खोज के विपरीत, जिज्ञासा सिमेंटिक इंटेलिजेंस (अर्थ संबंधी बुद्धिमत्ता) डालती है जो कीवर्ड संकेतों को गहरी प्रासंगिक समझ के साथ जोड़ती है। उपयोगकर्ता के पास अपनी ज़रूरतों के अनुसार कीवर्ड खोज, सिमेंटिक खोज, या दोनों को चुनने की स्वतंत्रता है। यह समायोजित किए जा सकने वाले वज़न के साथ डोमेन-विशिष्ट कीवर्ड्स और सूक्ष्म अर्थों को संतुलित करता है, इरादे, संबंधों और संदर्भ को पकड़ता है। यह सुनिश्चित करता है कि अस्पष्ट या अव्यवस्थित प्रश्नों का भी सटीक और प्रासंगिक परिणाम के साथ समाधान हो।
एआई-आधारित पुनर्वर्गीकरण
एक बार संभावित परिणाम प्राप्त होने के बाद, जिज्ञासा एडवांस्ड पुनर्वर्गीकरण मॉडल लागू करती है। प्रत्येक परिणाम को यह निर्धारित करने के लिए स्कैन और पुनः-मूल्यांकन किया जाता है कि क्या वह वास्तव में प्रश्न का उत्तर देता है। यह सुनिश्चित करता है कि सिस्टम सिर्फ "कुछ मिलता-जुलता" वापस नहीं करता है, बल्कि प्रासंगिक रूप से संरेखित उत्तरों को शीर्ष पर धकेलता है।
नॉलेज ग्राफ़ संश्लेषण
केवल कच्चे उत्तर ही पर्याप्त नहीं होते, क्योंकि सरकारी जानकारी अक्सर आपस में जुड़ी हुई होती है। जिज्ञासा प्राप्त जानकारी को एक संरचित नॉलेज ग्राफ़ में बदल देती है, विभिन्न पृष्ठों पर स्थित जानकारी को एक सुसंगत स्टोरीबोर्ड में पिरोती है, जिससे उपयोगकर्ता को एक संपूर्ण, संदर्भ-समृद्ध प्रतिक्रिया मिलती है जो उसकी जिज्ञासा को सचमुच शांत करती है।
एआई-आधारित नेविगेशन
अपने इंटरैक्टिव स्टोरीबोर्ड के माध्यम से, उपयोगकर्ता एक क्लिक से सीधे जानकारी के सटीक टुकड़े तक पहुँच सकते हैं। यह स्थिर पोर्टलों को जीवंत, संवादात्मक यात्राओं में बदल देता है, जहाँ जानकारी को तुरंत पहुँचाया जाता है और प्रासंगिक रूप से खोजा जाता है, भले ही वह साइटमैप (वेबसाइट की रूपरेखा) में गहराई में दबी हो।
फीडबैक और सुधार
हर बातचीत सीखने का एक अवसर है। जिज्ञासा उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया और प्रदर्शन डेटा एकत्र करती है, इसे सटीकता, प्रतिक्रियाशीलता और प्रासंगिक गहराई को लगातार परिष्कृत करने के लिए अपने मॉडलों को वापस भेजती है। यह बंद-लूप प्रणाली सुनिश्चित करती है कि जिज्ञासा स्थिर नहीं है, बल्कि एक सदा-विकसित होने वाली एआई सहायिका है जो हर प्रश्न के साथ तेज़ होती जाती है।
टेक्नोलॉजी स्टैक और कार्यप्रवाह
'जिज्ञासा' को कंटेनरीकृत घटकों के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो डॉकर के साथ स्केलेबिलिटी (बढ़ोतरी की क्षमता) और प्रदर्शन सुनिश्चित करता है। निम्नलिखित में से प्रत्येक घटक पायथन फैस्टएपीआई पर बने एपीआई के माध्यम से संवाद करता है:
- डेटा निष्कर्षण: यह फैस्टएपीआई + क्यूड्रैंट डीबी का उपयोग करके सामग्री को क्रॉल करता है, खंडों में तोड़ता है, और टेक्स्ट और वेक्टर प्रारूपों में संग्रहीत करता है।
- सूचना पुनर्प्राप्ति: यह ओपन-वेट एआई मॉडल द्वारा संचालित कीवर्ड और सिमेंटिक खोज के माध्यम से सबसे प्रासंगिक सामग्री प्रदान करता है।
- वैकल्पिक एलएलएम (बृहत् भाषा मॉडल): यह प्राप्त डेटा को नॉलेज ग्राफ़ में परिवर्तित करता है, जिससे गहरी अंतर्दृष्टि का पता चलता है।
- प्लगेबल फ्रंटएंड: यह एक डायनामिक, अनुकूलनीय जेएस इंटरफ़ेस है जो फीडबैक से सीखता है और सहजता से एकीकृत हो जाता है।
लाभ
'जिज्ञासा' हर हितधारक को तत्काल, मापने योग्य मूल्य प्रदान करती है, ई-गवर्नेंस अनुभव को एक चुनौती से एक अवसर में बदल देती है।
नागरिकों के लिए:
- सीखने की आवश्यकता शून्य: अपनी पसंदीदा भाषा में स्वाभाविक रूप से पूछकर तुरंत जानकारी प्राप्त करें।
- बेहतर डिजिटल समावेशन: गैर-तकनीकी-समझ वाले उपयोगकर्ताओं, गैर-अंग्रेजी भाषी लोगों और दिव्यांगजनों के लिए बाधाओं को तोड़ता है।
- समय और लागत की बचत: फॉर्म खोजने से लेकर योजना की पात्रता जाँचने जैसे सरल कार्यों पर खर्च होने वाले समय और प्रयास को नाटकीय रूप से कम करता है।
सरकारी विभागों के लिए
- कम हुआ सपोर्ट का बोझ: हेल्पलाइन कॉल और व्यक्तिगत पूछताछ में कटौती करता है, जिससे कर्मचारियों को जटिल, उच्च-मूल्य वाले कार्यों के लिए समय मिलता है।
- डेटा-चालित अंतर्दृष्टि: नागरिक समस्या बिंदुओं, लोकप्रिय प्रश्नों और पोर्टल की अक्षमताओं पर वास्तविक समय के विश्लेषण प्राप्त करें।
- सहज एकीकरण: कम लागत वाला, एपीआई-आधारित प्लगइन मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ काम करता है, पिछले निवेशों की रक्षा करता है।
- तेज़ डिजिटल अपनाना: सहज बातचीत विश्वास का निर्माण करती है और ई-गवर्नेंस सेवाओं के व्यापक उपयोग को प्रोत्साहित करती है।
- एकीकृत, बहुभाषी पहुँच: सभी पोर्टलों पर एक सुसंगत, उच्च-गुणवत्ता वाला अनुभव प्रदान करता है, जिससे डिजिटल इंडिया ब्रांड को मजबूती मिलती है।
- बढ़ी हुई पारदर्शिता: जानकारी के लिए स्पष्ट, सीधे रास्ते प्रदान करता है, जिससे अधिक सार्वजनिक विश्वास को बढ़ावा मिलता है।
निष्कर्ष
'जिज्ञासा' का एक कार्यशील मॉडल महाराष्ट्र के आईटी प्रधान सचिव को दिखाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप विभाग ने इंडियाएआई मिशन के तहत जीपीयू आवंटन को प्रायोजित करने का निर्णय लिया है।
जैसे-जैसे हम उत्पादन बुनियादी ढाँचे को सुरक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ते हैं, हमारा समानांतर ध्यान जिज्ञासा को एक स्टैंडअलोन उत्पाद से एक बुनियादी, ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी में विकसित करने पर है। यह रणनीतिक विकास एनआईसी को अपनी किसी भी परियोजना के लिए बुद्धिमान सहायक बनाने और तैनात करने के लिए सशक्त करेगा, जिससे ई-गवर्नेंस परिदृश्य मौलिक रूप से बदल जाएगा।
द्वारा संपादित: निस्सी जॉर्ज
लेखक / योगदानकर्ता
सपना कपूर उप. महानिदेशक व एसआईओ sapna.kapoor[at]nic.in
स्नेहा लोटाणकर वरिष्ठ तकनीकी निदेशक sneha.nl[at]nic.in
गंगाशंकर सिंह वैज्ञानिक-बी sg.inda[at]nic.in
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राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान महाराष्ट्र राज्य केंद्र
11वीं मंज़िल, न्यू एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग,
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