27 सितंबर, 2025 को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एआई शासन पर वैश्विक संवाद के शुभारंभ के अवसर पर, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने एआई के लिए एक सहयोगात्मक और समावेशी वैश्विक ढाँचे के निर्माण के महत्व पर बल दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित उच्च-स्तरीय बहु-हितधारक बैठक को संबोधित करते हुए, सचिव ने वैश्विक दक्षिण और कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों से मज़बूत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सार्थक भागीदारी का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुँचे।
उन्होंने एआई शासन के प्रति भारत के व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जो सात मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित है: विश्वास, जनता सर्वोपरि, नवाचार संयम पर, निष्पक्षता और समानता, जवाबदेही, डिज़ाइन द्वारा समझने योग्य, और सुरक्षा, लचीलापन और स्थिरता। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि वैश्विक संवाद को एआई ज्ञान, कौशल, संसाधनों और तकनीकी क्षमताओं में असमानताओं को भी पाटना चाहिए, उन्होंने देशों से एआई अपनाने के लिए समान रास्ते बनाने हेतु मिलकर काम करने का आग्रह किया।
सचिव ने यह भी घोषणा की कि भारत फरवरी 2026 में "भारत एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन" की मेज़बानी करेगा, जो वैश्विक हितधारकों को सतत विकास के लिए एआई-संचालित समाधानों की खोज हेतु एक साथ लाएगा। संयुक्त राष्ट्र में एआई शासन के प्रति भारत के सिद्धांत-आधारित और समावेशी दृष्टिकोण की मान्यता, डिजिटल भविष्य को आकार देने में देश के उभरते नेतृत्व को उजागर करती है।