अंतरराष्ट्रीय ई-गवर्नेंस उत्पाद अक्टूबर 2025

भारत और मॉरीशस ने डिजिटल सहयोग मज़बूत करने पर चर्चा की

India Highlights Inclusive Approach to AI Governance at UN Headquarters

मॉ रीशस के माननीय सूचना प्रौद्योगिकी, संचार एवं नवाचार मंत्री डॉ. अविनाश रामटोहूल ने 13 सितंबर 2025 को भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और डिजिटल शासन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और गहरा करने की संभावनाओं का अन्वेषण करना था।

नई दिल्ली स्थित एनआईसी मुख्यालय में अपने दौरे के दौरान डॉ. रामटोहूल ने श्री अभिषेक सिंह, महानिदेशक, राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र तथा श्री आई.पी.एस. सेठी, उप महानिदेशक, एनआईसी के साथ विस्तृत चर्चाएँ कीं।

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि भारत और मॉरीशस के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने की साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। दोनों पक्षों ने चल रहे सहयोग की समीक्षा की और ऐसे नए क्षेत्रों की पहचान की, जहाँ और अधिक साझेदारी की जा सकती है।

चर्चाओं में उभरती डिजिटल तकनीकों के व्यापक आयाम शामिल थे, विशेष रूप से निम्न क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया:

  • सार्वजनिक सेवाओं के लिए अगली पीढ़ी के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म
  • ई-गवर्नेंस ढाँचे और नागरिक-केंद्रित सेवा मॉडल
  • डिजिटल कौशल और शासन क्षमता निर्माण हेतु कार्यक्रम
  • साइबर सुरक्षा ढाँचे और उसकी मजबूती

भारतीय अधिकारियों ने देश की प्रमुख डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पहलों—जैसे डिजिटल इंडिया, आधार, डिजिलॉकर, उमंग और विभिन्न एआई-आधारित शासन उपकरणों—से प्राप्त अनुभव साझा किए। मॉरीशस के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी डिजिटल मॉरीशस विज़न को गति देने के लिए इन समाधानों को अपनाने और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करने में गहरी रुचि दिखाई, जिसका लक्ष्य एक समावेशी और नवाचार-प्रधान डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

दोनों देशों ने तकनीक-चालित पहलों के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने डिजिटल पहचान, सुरक्षित डेटा विनिमय, डिजिटल भुगतान तथा एआई-सक्षम शासन जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए संयुक्त समाधान विकसित करने के महत्व पर बल दिया।

बैठक का समापन इस सहमति के साथ हुआ कि दोनों देश उच्च-स्तरीय संवाद को नियमित बनाए रखेंगे, संयुक्त क्षमता निर्माण प्रयासों को आगे बढ़ाएँगे और दोनों देशों की तकनीकी टीमों के बीच घनिष्ठ सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे।

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