माननीय केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित खनन टेनमेंट प्रणाली (एमटीएस) के अंतिम खदान बंद करने की योजना (एफएमसीपी) और लाइसेंस मॉड्यूल का उद्घाटन किया। नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम ने भारत में महत्वपूर्ण खनन प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
नए लॉन्च किए गए मॉड्यूल का उद्देश्य एफएमपी को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सरल बनाना और अन्वेषण, समग्र और पूर्वेक्षण लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना है। इन उपकरणों से खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और अनुपालन के बढ़ाने की उम्मीद है, क्योंकि इससे खदान बंद करने की योजना दाखिल करने और लाइसेंसों को ट्रैक करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।
अपने संबोधन में, श्री जी. किशन रेड्डी ने खनन उद्योग के आधुनिकीकरण में डिजिटल परिवर्तन के महत्व पर जोर दिया, जो भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये मॉड्यूल खदानों को उचित तरीके से बंद करने और नियामक आवश्यकताओं का पालन सुनिश्चित करके पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देंगे।
एनआईसी द्वारा विकसित माइनिंग टेनमेंट प्रणाली खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एफएमसीपी और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को डिजिटल करके, सरकार का लक्ष्य परिचालन में तेजी लाना और खनन गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।