माननीय केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से चार महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म - ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन - का शुभारंभ किया। 4 अगस्त 2024 को चंडीगढ़ में आयोजित लॉन्च में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक, श्री गुलाब चंद कटारिया और केंद्रीय गृह सचिव सहित गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
श्री शाह ने इस बात पर जोर दिया कि नए शुरू किए गए आपराधिक कानूनों - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के सफल कार्यान्वयन के लिए पूरे कानूनी और कानून प्रवर्तन ढांचे में तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने दोहराया कि ये नए कानून पुराने औपनिवेशिक युग के कानूनों की जगह लेते हुए भारत के लोकाचार और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
नए लॉन्च किए गए डिजिटल उपकरण कानूनी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे:- ई-साक्ष्य वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और गवाही को ई-साक्ष्य सर्वर पर संग्रहीत करेगा, जिससे अदालतों को तेज़ कानूनी प्रक्रियाओं के लिए तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- ई-समन अदालतों से पुलिस स्टेशनों और व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से समन भेजने की अनुमति देता है, जिससे कानूनी आदेशों के संचार दक्षता में सुधार होता है।.
- न्याय सेतु पुलिस, चिकित्सा, फोरेंसिक, अभियोजन और जेल विभागों को एक ही डैशबोर्ड पर जोड़ता है, जिससे जांचकर्ताओं को एक क्लिक से प्रासंगिक जानकारी तक पहुंचने में मदद मिलती है।
- न्याय श्रुति अदालतों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों की गवाही सुनने में सक्षम बनाती है, जिससे मामले के समाधान में तेजी लाने के साथ-साथ समय और संसाधन दोनों की बचत होती है।
श्री शाह ने इन सुधारों को परिवर्तनकारी बताया, जिनका उद्देश्य विलंबित सुनवाई और अक्षमता के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को संबोधित करके न्याय प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल करना है।