एनआईसी ने कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई), लखनऊ चैप्टर के सहयोग से जन परिचय और सिंगल साइन-ऑन सेवा पर एक व्यापक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 14 और 15 मार्च, 2024 को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पहचान प्रबंधन और सुरक्षा सेवाओं की गहन जानकारी के लिए आईटी प्रोफेशनल, शिक्षाविदों और साइबर सुरक्षा के प्रति उत्साही लोगों को एक साथ लाया गया।
एनआईसी उ.प्र. राज्य एकक के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक श्री दीपक शर्मा और सीएसआई अध्यक्ष, लखनऊ द्वारा समन्वित कार्यशाला का उद्देश्य जन परिचय (मेरी पहचान) की कार्यात्मकता और निहितार्थ की समझ को बढ़ाना था। कार्यक्रम में एनआईसी अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही तथा इसमें प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा संचालित आकर्षक सत्र भी शामिल थे।
पहला दिन: जनपरिचय (मेरी पहचान) की विशेषताएं और जानकारियां
उद्घाटन समारोह में श्री सुनील शर्मा (डीडीजी और एसआईओ, एनआईसी यूपी), डॉ. अरुणाभ मुखोपाध्याय (आईआईएम लखनऊ), डॉ. दिवाकर सिंह यादव (आईईटी लखनऊ) और श्री अनिल कुमार झा (एनआईसी मुख्यालय) जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सत्र में जन परिचय की प्रमुख विशेषताएं, श्री रोहित कुमार (एनआईसी मुख्यालय) द्वारा डेटा एनालिटिक्स अंतर्दृष्टि, मूल्यवर्धित सेवाएं, एप्लिकेशन ऑनबोर्डिंग और समस्या निवारण तकनीकों को शामिल किया गया।
दूसरा दिन: प्रौद्योगिकी और सुरक्षा
दूसरे दिन प्रौद्योगिकी और सुरक्षा से संबंधित व्यापक विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। विषयों में देवओप्स और देवओप्ससेक, श्री गौरव कंसल (एनआईसी मुख्यालय) द्वारा साइबर सुरक्षा के मूल सिद्धांत, सुरक्षा रणनीतियों को बढ़ाना, भारतीय सार्वजनिक डीएनएस और श्री राहुल मिश्रा (यूपी पुलिस) द्वारा साइबर सुरक्षा युक्तियां शामिल थीं।
यह कार्यशाला ज्ञान के आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए एक अद्वितीय मंच के रूप में कार्य करती है, जो पहचान प्रबंधन और साइबर सुरक्षा के भविष्य को आकार देने वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और प्रवृत्तियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है। यह कार्यशाला ज्ञान के आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए एक अद्वितीय मंच के रूप में कार्य करती है, जो पहचान प्रबंधन और साइबर सुरक्षा के भविष्य को आकार देने वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और प्रवृत्तियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है।
इस कार्यशाला की सफलता उत्तर प्रदेश में उन्नत पहचान प्रबंधन और साइबर सुरक्षा अभ्यास को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो एक अधिक सुरक्षित और डिजिटल रूप से सशक्त समाज का मार्ग प्रशस्त करती है।