समाचार में

एनआईसी ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम पर कार्यशाला आयोजित की

6 मई 2024 को एनआईसी की डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम कार्यशाला, प्रतिष्ठित वक्ता श्री राकेश माहेश्वरी और श्री दीपक गोयल ने डेटा संरक्षण पर अपने विचार साझा किए।

रा ष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के प्रशिक्षण प्रभाग ने एनआईसी मुख्यालय, नई दिल्ली में “डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम” पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। राज्यों और जिलों के एनआईसी अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेबकास्ट के माध्यम से जोड़ा गया, जिससे व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हुई।

6 मई, 2024 को आयोजित कार्यशाला भी वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की सम्मानित वक्ताओं में श्री राकेश माहेश्वरी, पूर्व सीजी, साइबर कानून, एमईआईटीवाई, और श्री दीपक गोयल, वैज्ञानिक-जी, साइबर कानून प्रभाग, एमईआईटीवाई शामिल थे। जिन्होंने डेटा सुरक्षा के संदर्भ में, देश में विधायी परिदृश्य और डेटा सुरक्षा के लिए कार्रवाई योग्य बिंदुओं पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की।

डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023, डेटा संरक्षण से संबंधित भारत के कानूनी ढांचे में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण पर जोर देता है, साथ ही व्यक्तियों के अपनी जानकारी की सुरक्षा के अधिकारों और डेटा प्रसंस्करण के वैध उद्देश्यों को मान्यता देता है।

इस अधिनियम का एक उल्लेखनीय पहलू इसकी लिंग-समावेशी भाषा है, जो पुरुष सर्वनामों के पारंपरिक उपयोग से अलग है। यह विधायी भाषा में समावेशिता और लैंगिक संवेदनशीलता की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।

कार्यशाला ने डेटा संरक्षण के क्षेत्र में ज्ञान के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण हेतु एक मंच के रूप में कार्य किया, जो डिजिटल युग में सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने तथा व्यक्तिगत डेटा के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एनआईसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।